bewafa sad shayari
बेवफा से दिल लगा लिया नादान थे हम,
गलती हमसे हुई क्योंकि इंसान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती है,
कुछ समय पहले उनकी जान थे हम !!
मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए शायद,
आज वो भी बेवफा हो गाए शायद,
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था,
मेरे ख्वाब मुझपे रो गाए शायद !!
किस-किस को तू खुदा बनाएगी,
किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी,
कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे,
बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी !!
खुदा ने पूछा क्या सज़ा दूँ उस बेवफ़ा को,
दिल ने कहा मोहब्बत हो जाए उसे भी !!
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने,
हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है..!!
मेरी आँखों से बहने वाला ये आवारा सा आसूँ,
पूछ रहा है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह !!
काम आ सकीं ना अपनी वफ़ाएं तो क्या करें,
उस बेवफा को भूल ना जाएं तो क्या करें !!
तेरी बेवफाई का काफिला मेरी शहर से यूं गुजरा,
गुजर गई मेरी हस्ती मिट गया पूरा शहर !!
तन्हाई में रोना और दुनिया वालों के सामने ,
हंसना मजबूरी है हमारी हां पता है बेवफा है ,
वो लेकिन सच्ची मोहब्बत है वो हमारी !!
मैं नहीं बेवफा मेरा ऐतबार कर ले,
दे दे मुझे मौत या फिर प्यार कर ले,
वो कब थी तुम्हारी दोस्त जो छोड़ने की बात कर रहे हो,
शायद तुम्हें ही गलतफहमी है जो इसे बिछड़ना नाम दे रहे हो !!
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