god sad shayari
कर्म भूमि पर फल के लिए
श्रम तो सभी को करना ही पड़ता है,
भगवान सिर्फ लकीरें देता है,
रंग तो हमें ही भरना पड़ता है ,
किस से सीखू मैं खुदा की बंदगी,
सब लोग खुदा के बँटवारे किये बैठे है,
जो लोग कहते है परमात्मा कण कण मैं है
वहीं मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे लिये बैठे है,
मैने कहा अल्लाह, तो वो मुसलमान कहता है,
मैने कहा हिन्दू तो वो भगवान कहता है,
जिसका ईमान बटा है कई हिस्सों में,
वो खुदको इंसान कहता है.
कोई व्यक्ति कितना भी महान क्यों न हो,
आँखें मूंदकर उसके पीछे मत चलिए!
यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती,
तो वह हर प्राणी को आँख, नाक,
कान, मुंह, मस्तिष्क आदि क्यों देता,
मेरे जिस्म जान में बस नाम तुम्हारा है ,
मेरे श्याम…आज अगर मैं खुश हूँ,
तो यह अहसास भी तुम्हारा है,
जय श्री राधे श्याम
मैं जबसे तुम्हारी शरण में हूँ आया,
जो कुछ भी माँगा प्रभु तुमसे है पाया…
ये तेरी कृपा का है असर साँवरे,
शुक्र साँवरे तेरा शुक्र साँवरे,
जय श्री श्याम
अच्छे लोगों की भगवान परीक्षा बहुत लेता है…
परन्तु साथ नहीं छोड़ता और बुरे लोगों को…
भगवान बहुत कुछ देता है परन्तु साथ नहीं देता,
जय श्री राम
मेरा भी खाता खोल दो भगवान” अपने दरबार में,
आता रहूँ निरंतर लेन – देन के व्यापार में,
मेरे कर्मो के मूल पर आपके दर्शन का ब्याज लगा देना,
जो ना चुका पाऊँ उधार तो अपना सेवादार बना देना,
विश्वास करो…मैंने तुम्हारे लिए वही विधान किया,
जो तुम्हारे लिए उचित था…
मैंने आज तक जो कुछ किया
तुम्हारे मंगल के लिए किया,
~कृष्णा कन्हैया,
दौड़ते दौड़ते ज़िंदगी की दौड़ में
लड़खड़ा कर जब थक हार गया
प्रभु आप ही नज़र आए मुझको
जब जब कोई अपना ठोकर मार गया
जय श्री श्याम,