krishna shayari photo
ज्ञानवान उद्धव भी जिनके
सम्मुख जाते हैं हार
युगों युगों तक जिंदा रहता है,
ऐसा अनोखा प्यार
जिसको चाहो दिल से चाहो
उसपर खुशियाँ सारी वार दो
पर बिछड़ गए ग़र कान्हा तुमसे
तो कहाँ लिखा है खुद को मार दो ,
कभी राम बन के कभी श्याम बन के
चले आना प्रभु जी चले आना हमारे हृदय में,
जब राम रूप में आना माँ सीता को भी संग लाना
जब श्याम रूप में आना तो माँ राधा को संग लाना,
पलकें झुकें और नमन हो जाए,
मस्तक झुके और बंदन हो जाए,
ऐसी नजर कहाँ से लाऊँ मेरे कान्हा
कि आपको याद करूँ और दर्शन हो जाए.
हे कान्हा, तुम संग बीते वक़्त का
मैं कोई हिसाब नहीं रखती,
मैं सिर्फ तुम्हारे प्रेम में जीती हूँ
इसके बाद कोई ख्वाब नहीं रखती,
true love radha krishna shayari
वृन्दावन की हवाओं में
राधा के प्रेम की सुगंध है
कृष्ण की बंसी की धुन
गीत मल्हार और छंद हैं..।।
दीप जलाए बैठी राधा
कब आओगे श्याम बताओ
मन के तारे टूट रहे हैं
कब होगा दीदार बताओ ,
अब भी विरही नैना को
तुम आओगे विश्वास है,
राह निहारेगी ये तबतक
जबतक साँसों में सांस है ,
गोकुल में राधा रानी ही केवल
यादों में सुध बुध नहीं भूली हैं,
बिन राधा के बंसी कान्हा भी
मथुरा में बजाना भूल गए ,
कजरारी अँखिया राधा तेरी
दिल को घायल कर जाती है,
कान की बाली केश का गजरा
और पागल पायल कर जाती है
बंसी होंठों पर चिपकाये मैं
बस तुझको ही ढूँढा करता हूँ,
तेरी चंचल मीठी बोली राधा
मुझको कायल कर जाती है ,
radha krishna shayari
आज वो पावन प्रेम कहाँ
कहां उनसी प्रेम कहानी है,
कहां वो नटखट कृष्णा हैं
कहाँ वो राधा दिवानी है ,
राधा की आँखें तरसी होंगी
जब कान्हा मथुरा गये होंगे
दिल भी बहुत रोया होगा
जब वो रूक्मिणि के भये होंगे ,