bholenath ki shayari
ठंड उनको लगैगी जिनके करमो में दाग है
हम तो भोलेनाथ के भक्त्त है भैया
हमारे तो सीने में भी आग है
तेरे दरबार में आकर खुशी से फूल जाता हूं
गम चाहे कैसा भी हो तेरे दरबार में भूल जाता हूं
बताने बात जो आया हूं वही बात में भूल जाता हूं
तुझे देख कर खुशी इतनी मिलती है
कि मांगना भूल जाता हूं
जब मेरा महाकाल मेरे साथ है
तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता
कि कौन-कौन मेरे साथ है
और कौन मेरे खिलाफ
भोले के दरबार में दुनिया बदल जाती है
तेरी रहमत से हाथ की लकीरें बदल जाती हैं
लेता है जो दिल से महादेव का नाम
एक पल में उसकी तकदीर बदल जाती है
महाकाल के भक्तों की खैरियत मत पूछो यारों
ये तो अपनी ही मौज में रहते हैं
पल पल प्रेम का आंसू पिया करते हैं
हर पल महाकाल के चरणों में जिया करते हैं
शिव की महिमा अपरं पार
शिव करते सबका उद्धार
उनकी कृपा आप पर सदा बनी रहे
और आपके जीवन में आयें खुशियाँ हज़ार
निराश नहीं करते बस एक बार सच्चे मन से
भोले शंकर से फ़रियाद करो
जय भोले जय भंडारी तेरी है महिमा न्यारी
तन की जाने, मन की जाने
जाने चित की चोरी उस महाकाल से क्या छिपावे
जिसके हाथ है सब की डोरी
जय श्री महाकाल
शिव की शक्ति, शिव की भक्ति, ख़ुशी की बहार मिले
शिवरात्रि के पावन अवसर पर आपको
ज़िन्दगी की एक नई अच्छी शुरुवात मिले
जिनके रोम-रोम में शिव हैं वही विष
पिया करते हैं,माना उन्हें क्या जलाएगा
जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं