zindagi attitude shayari in hindi
सियासत इस कदर अवाम पे अहसान करती है
आँखे छीन लेती है फिर चश्मे दान करती है
इन से उम्मीद न रख हैं ये सियासत वाले
ये किसी से भी मोहब्बत नहीं करने वाले
सियासत को लहू पीने की लत है
वरना मुल्क में सब ख़ैरियत है
सितम ये है कि हमारी सफों में शामिल हैं
चराग बुझते ही खेमा बदलने वाले लोग
zindagi shayari rekhta
उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगों की तरह हम
वक़्त की टहनी पर हैं परिंदों की तरह हम
सुलझा हुआ सा समझते हैं मुझको लोग
उलझा हुआ सा मुझमें कोई दूसरा भी है
सूखे हुए शजर को पानी मिला नहीं
आज सब्ज़ हुआ आँगन तो बारिश होने लगी
समझ पाता हूँ देर से मैं दांव-पेंच उसके
वो बाजी जीत जाता है मेरे चालाक होने तक
zindagi shayari sad
जाया ना कर अपने अल्फाज किसी के लिए
खामोश रह कर देख तुझे समझता कौन है
पाँवों के लड़खड़ाने पे तो सबकी है नजर
सर पे कितना बोझ है कोई देखता नहीं