duniya matlabi shayari
वक्त था हर वो रिश्ता सुधारने का जो हमारे बीच था !!
मगर स्वार्थ और प्यार में तूने स्वार्थ को चुना !!
जो प्यार में लिए ना गवारा था !!
मोहोब्बत के दम पर जो रिश्ते जोड़े दिए जाते है !!
वहीं केवल एक मतलब के लिए तोड़ दिए जाते है !!
कैसे करूँ भरोसा यारों के प्यार पर !!
जब ये दोस्त ही उछलते अपनों की हार पर !!
तू नहीं जानती की किसी दर्द से आज में गुजर रहा हूँ !!
मतलबी रिश्तों के बीच फंस के धीरे धीरे कर मर रहा हूँ !!
तेरी दोस्ती में धोखा बहोत था !!
इसलिए अब्बू ने मुझे रोका बहोत था !!
dosti matlabi shayari
सच्चे मित्र ढूंढिए मतलबी यार तो !!
अपने आप आपको ढूंढ लेंगे !!
दोस्ती करने के उनके अंदाज बोहोत है !!
मगर छिपे इसमें मतलब के राज़ बोहोत है !!
जिनको हम अपना जिगरी यार मानते है !!
वो सिर्फ हमे अपने मतलब के लिए पहचानते है !!
मतलबी दुनिया में आपकी इज्जत उतनी ही है !!
जितनी इन्हे आपकी जरूरत है !!
जरूर एक दिन वो शख्स तड़पेगा हमारे लिए !!
अभी तो खुशियाँ बहोत मिल रही है उसे मतलबी लोगो से !!