matlabi log shayari
भुला देंगे तुम्हे भी जरा सब्र तो कीजिए !!
आपकी तरह मतलबी होने में जरा वक्त लगेगा !!
मतलबी दुनिया के लोग खड़े है हाथों में पत्थर लेकर !!
मैं कहाँ तक भागूँ शीशे का मुकद्दर लेकर !!
इस दुनिया से कहीं दूर चले जाने को जी चाहता है !!
मतलबी दुनिया में ना रह कर मर जाने को जी चाहता है !!
sad matlabi shayari
उन मतलबी लोगो की तरह ना बन !!
जिनको अपने लिए सबको अपना अपना कहना पड़ता है !!
हम विश्वास को इंसानियत मनाते थे !!
पर वो मतलबी लोग !!
तो सिर्फ अपने मतलब को ही जानते थे !!
matlabi dost ke liye shayari
जिनको हमने इस दिल में बसा रखा था !!
उनका नाम तो मतलबी लोगो में आ रखा था !!
मेरी दुनिया का हर शख्स मतलबी निकला !!
घर एक आईना था बस वही वफादार निकला !!
दिल-ए-मासुम ऐतबार कर लेता है थोडा प्यार पा कर !!
तोड देती है दिल मेरा दुनिया मतलब निकाल कर !!
दिलों में मतलब और जुबान से प्यार करते हैं !!
बहुत से लोग दुनिया में यही कारोबार करते हैं !!
पहले तो बस सुना था !!
तुमसे मिलकर जाना !!
दुनिया कितनी मतलबी है !!