live riverfront patang mahotsav
हर पतंग जानती है अंत में कचरे
मे जाना है लेकिन उसके पहले उसे
आसमान छूकर दिखाना है
कटी पतंग का रुख तो था मेरे
घर की तरफ मगर उसे भी लूट
लिया ऊंचे मकान वालों ने
ये पतंग भी बिल्कुल तुम्हारी तरह
निकली मेरे दोस्त ज़रा सी हवा
क्या लग गई हवा में उड़न
patang mahotsav started
वो उड़ती हुई पतंग की तरह मैं हवा
ओं से बातें करता था वो कटी पतंग
के पीछे पीछे में गली मोहल्ले में फिरता था
ख्वाहिशों की पतंग को
उम्मीदों की उड़ान दो
हौसलों की हवा लगे
उसे छू लेने आसमान दो
ahmedabad patang mahotsav
यादगार खुशियाँ तो बचपन की
होती है! जवानी में हर कोई चुनौतियों
से तंग होता है यहाँ सबसे ऊपर
उठने का जंग होता है हकीकत में
जिंदगी इक पतंग होता है
जब प्रेमी पतंग और प्रेमिका डोर
हो जाती है जिंदगी खुशियों के
रंगों में सराबोर हो जाती है
patang mahotsav kis rajya manaya jata hai
बिना डोर के पतंग आकाश में उड़
नहीं पाता है बिना ज्ञान के इंसान
मुसीबतों से लड़ नहीं पाता है
पतंग को आकाश में अच्छी तरह से उड़ने
के लिए धाँगे से बांधना पड़ता है
ठीक उसी प्रकार स्वतंत्रता के साथ थोड़े
नियम और प्रतिबन्ध जरूरी होते है
पतंग कितना ऊँचा उड़ेगा
यह हुनर पतंग उड़ाने वाले में होता है
इंसान कितनी तरक्की करेगा
यह हुनर पढ़ाने वाले में होता है