o jalim zindgi shayari
हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली
मेरी शायरी का असर उनपे हो भी तो कैसे हो
मैं एहसास लिखता हूँ तो वो अल्फाज़ पढ़ते हैं
वाकई पत्थर दिल ही होते हैं दिलजले शायर
वर्ना अपनी आह पर वाह सुनना कोई मज़ाक नहीं
हमारी शायरी पढ़कर बस इतना ही बोले वो
कलम छीन लो इनसे लफ्ज़ दिल चीर देते हैं
zindagi sad shayari
नजरों में दोस्तों की जो इतना खराब है
उसका कसूर ये है कि वो कामयाब है
बस यही दो मसले, ज़िन्दगी भर ना हल हुए
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए
फूल बनने की खुशी में मुस्कुरायी थी कली
क्या खबर थी ये तबस्सुम मौत का पैगाम है
शेर-ओ-सुखन क्या कोई बच्चों का खेल है
जल जातीं हैं जवानियाँ लफ़्ज़ों की आग में
zindagi shayari in hindi
खामोशियाँ वही रही ता-उम्र दरमियाँ
बस वक़्त के सितम और हसीन होते गए
अहमियत यहाँ हैसियत को मिलती है
हम है कि अपने जज्बात लिए फिरते हैं