99+ Best Maha kumbh mela shayari | महा कुम्भ मेला शायरी हिंदी में

Maha kumbh mela

मंजिल की तलाश थी
और सफर भी अकेला
आगे किस्मत खड़ी थी
पीछे दुनिया का मेला

पास जाने पर बड़ी आफत है
माना कि हंसी नजारा है
चलो दूर से ही देख लेते है ‘मेला
पैसों का ये खेल सारा है

बचपन मेले से खुशियाँ खरीद
कर लाता है जवानी मेले में तो
सिर्फ खर्च करके आता है

maha kumbh mela

मेरे घर के आगे मोर नाचता था
ना जाने कहाँ गया जो मुझको
बरसो से जानता था ना जाने कहाँ
गया इस तरक्की की दौड़ में लगने
सब शहर आ गये गाँव में जो एक मेला
लगता था, जाने कहाँ गया

जैसे जिन्दगी का मजा फ़कीर लेता है
वैसे ही मेले का मजा गरीब लेता है

Maha kumbh mela

मैंने अपनी जिन्दगी में बहुत सारे
मेले देखे लेकिन बचपन के मेलों से
अच्छा कोई मेला नही देखा

maha kumbh bath

दिल में किसी के यादों का मेला
मत लगाना वरना सारी उम्र तन्हाई
में गुजर जायेगी

खुशियाँ तो गाँव के मेले में मिलती है
शहर के मेले तो इंसान की औकात
दिखा देते है

यह मेरा दिल है कोई मेला नही
प्यार इतना भी आसान खेला नही

जिन्दगी में हसरतों का मेला कभी
खत्म नही होता है हालात कैसे भी
हो माँ!बाप का प्यार कम नही होता है

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